Wednesday, 26 February 2020

kamosh

तेरा  खामोश  रहना  अब  मुझे  खलने  लगा  था
करना  यूँ  नज़र  अंदाज़  मुझे  चुबने  लगा  था


यही  नहीं  फ़क़त  मैने  ही  तुझे  चाहा
जिसने  भी  जाना   तुझे   बस  चाहने  लगा  था


इतना  मीठा  था  तेरा  वो  एक  झलक  देखना
जिसको  भी  देखा  कातिल  नज़रों  से  तूने   वो  तुझ पर ही  मरने  लगा  था


तेरी  मर्ज़ी  तू  जिसको  चाहे  अपना  बना  ले  क्या  सोचना
क्युकी  जो  भी  तुझसे   मिलता  वो  तेरा  होने  लगा  था


ये  कैसी अजब  सी  मोहबत  थी  तुझसे   और  तुझे  इल्म   ही  नहीं
तू  मेरा  था  ही  नहीं  कभी  पर  जो  भी  मेरा  था  सब  तेरा  होने   लगा  था


बात  तुझे  खोने  पाने  की  तो  थी  ही  नहीं  कभी
खुदा   माना था  तुझे  मोहबत  में  और  भला  खुदा  कब  किसी  एक  का  होने  लगा  था


तूने  कहा  भूल  जाओ  तुझे  में  ज़माने  के  लिए
चल  मैने  मान ली  तेरी  बात  ,पर  चाहत  में  हु  में  तेरी  पागल  ये  तो  ज़माना  कहने   लगा  था  ....

Wednesday, 19 February 2020

Ek Rishta

नहीं  तो  सिर्फ  दोस्त  है  तू  मेरा  और   नहीं  तो  मेरा  प्यार  है
जिसके  बिना   बिलकुल  अधूरे  है  हम   तू  मेरा  वो  यार  है
मालूम  नहीं  क्या  है  तुझसे  मेरा  पर  पता  है  तो  बस  इतना
 तू  है   तो सब  है  वरना  सब  बेकार  है



बैनामा  रिश्ता  है  हमारा  पर
हर  रिश्ते  से  ऊपर  ये   निखरता  है
क्या  है  तू  मेरा  और  क्या  लगता  है
नहीं  पता  पर  तुझे  खोने  से  ये  दिल  डरता  है


ये  दोस्ती  तो  नहीं  है   क्योकि  दोस्त  तो  कई  है
पर  जो  तुझसे  है  वो  और  किसी  से  नहीं  है
 प्यार  भी  नहीं  कह  सकते  इसको
क्योकि  है  नहीं  ऐसा  कुछ  इसमें  कोई  शक  नहीं
पर  कोई  और तुझे  मेरे  आगे  अपना  कह दे  इतना  किसी  को  हक़  नहीं



दोस्ती  और  प्यार  के  बिच  ये  एक  अंजाना  सा  रिश्ता  है
जो  जाने  क्यों  सबको  इतना  खलता  है
समझो तो  जानोगे   ये  वो  रिश्ता  है  जो
बदलते  रिश्तो  के  सिलसिलो  में  भी  नहीं  बदलता  है



कितनी  भी  उलझने  हो  यकीन  होता  है  वो  इससे  मुझे  निकाल   लेगा
कितनी  भी  गलती  करलु  मेँ पता  होता  है  यार  मेरा  सब   संभाल  लेगा
माना  की  दोस्ती  से  ऊपर  और  प्यार  से  कम  रिश्ता  है  हमारा
लेकिन  छान  लो  हर  रिश्ते  को  कह  दो  क्या  कोई  रिश्ता  है  इससे  प्यारा
नहीं  इसमें  कुछ  सही   और  नहीं   कुछ  गलत  है
ये  पाक   सा   एक  रिश्ता  है  जो  हर  रिश्ते  से  अलग  है

Saturday, 1 February 2020

kya karu

एक  उम्र  इंतज़ार  करके  खुदको  यूँ  बेक़रार  कर  के
अब  क्या  हौसलों  का  दामन  छोड़  दू
तुम  तो  तोड़  ही  देते  हो  हर  दफा  मेरे  ख्वाब , मेरा  दिल
अब  क्या  में  भी  खुद  अपनी  सारी  उमीदे  तोड़  दू ....



तेरे  पीछे  पीछे   चलती  रही   ,
अब  खुदको  क्या  नया  मोड़  दू
तेरे  संग  जीने  की  चाहा  है  मुझे  पर
क्या  तेरे  संग  जीने  के  लिए  जीना  ही  छोड़  दू ....



तुजसे  रिश्ता  बनाने   के  लिए
क्या  अब  में  अपने  हर  रिश्ते  से  मुँह  मोड़  लू
जो  प्यार  तुझे  है  ही  नहीं  मुझसे
उस  प्यार  के  लिए  क्या  अपनी  दोस्तियां  तोड़  दू ....



कदर  नहीं  तुझे  मेरी  पर  जो  थमा  करते  है  मुझे  गिरते  हुए
क्या  अब  में  वो  हाथ  छोड़  दू
फुर्सत  नहीं  तुझे  करने  को  बात  मुझसे  पर  जो  गांठो   सुना  करते  है  मुझे
क्या  उनसे   करना  बात  छोड़  दू



सिवाए  आंसू  कुछ  नहीं  मिला  तुझसे   जो  देते  है  हंसी  मुझे
क्या  संग  उनके  हसना  छोड़  दू
तेरे  एक  रिप्लाई  को  ही  करती  हु  हफ्तों  इंतज़ार   में  पर
जो  देखा  करते है मेरी  राह  अक्सर  क्या अब  उनसे  मिलना  छोड़  दू



तुझे   तो  नहीं  परवाह  मेरी  पर  जो  जीते  है  मेरे  लिए
क्या  उनके  बारे  में  सोचना  छोड़  दू
जिनके  साये  में  मेहफ़ूज़   रही  हु  चाहते  की  तरह
क्या  उनकी  और  पलट  कर  देखना  छोड़  दू



तेरी  इन  बेमानी  शर्तो  के  लिए  अपने  सारे  उसूल  तोड़  दू
साथ   नहीं  देगा  तू मालूम है  फिर  कैसे  दिल  तुड़वाने  को तुझसे दिल  जोड़  लू
प्यार   तो  बेइंतहां  है तुझसे  मुझे
पर  तुही   बता अब  तुझे  पाने  के  लिए  क्या  मै  खुद  को  ही  छोड़  दूँ