Sunday, 14 June 2020

Sach

जो हुआ अगर वो कह दिया , फिर हमने कौन सा गलत कह दिया
अक्सर सिखाया सबने सच बोलो ,तो बोला जब सही को सही तो कौन सा गलत कह दिया

सालों से जिनके सहारे खड़ा किया ये मुकाम ,मुश्किल वक़्त में उनसे ही किनारा कर लिया
और जो दिखाया तुमको आइना तुम्हारा तो अपनी हक़ीक़त से मुँह फेर लिया

जब उठाई हक़ की आवाज़ हमने तो हमसे दुसरो से अलग कह दिया
और छुपाने के लिए अपनी हज़ारों गलतियाँ हमको ही गलत कह दिया

माना शौहरते ताकते है उन पे ,और मेरे पास सच के अलावा कुछ नहीं
आँखों में आंखे ड़ाल पूछने  को सवाल है हिम्मत ये हौसला भी तो किसी से कम नहीं

अगर न की जी हुजूरी मैंने गलत की तो ना मैने कोई  गुनाह कर दिया
और जो रहा है इंसानियत की इसी पर चलेंगे अब ना सोचना मैंने किसने मुझे गलत और किसने सही कह दिया....