Sunday, 10 November 2019

tu nahi me nahi

दूर  तू   है  अगर  तो  पास  मै  भी  नहीं
आइना  है  अगर  तू  तो राज़  मै भी  नहीं


कुछ   बाते  थी  कुछ  हालात थे  अलग  से
गलत  नहीं   था  तू  ,और  सही  मै  भी  नहीं


रस्ते  ही  अलग  थे  अपने  और  कुछ  नहीं  बस
अगर रूठा  नहीं  था  तू  ,तो टूटी  मै  भी  नहीं


एक  अजाब  सी  खामोशी थी  दरमियाँ  अपने
चुप  हो गया  था  तू  ,और  बोली  मै  भी नहीं


गलतफहमियाँ बढ़ गई  थी  अपने  बीच  पर  मालूम  था
पूरा  झूठ  नहीं  था  तू ,और  पूरा  सच  मै  भी  नहीं


कशिश   और चाहतों  की  इस  दुनिया  में  सिर्फ
एक  सपना  नहीं  था  तू ,और  पूरी  हक़ीक़त  मै भी  नहीं


गलतिया  होती  है  सबसे  ,पर  तू  मानता तो  ..जो  गलती  न  करे
वो  भगवान  तू  भी  नहीं ,और  जो  माफ़  न  कर सके  वो  इंसान  मै  भी  नहीं 

No comments:

Post a Comment