मैने तुझे चाहा और तू मेरा अरमान बन कर रह गया
कितनी मोहबत है तुझसे इस राज से अनजान बन कर रह गया
समझा लिया है अब तो मैने भी खुद को
जो कभी पूरा होगा ही नहीं तू वो ख्वाब बन कर रह गया
जब मिलना ही नहीं था हमे फिर हम मिले ही क्यों ये एक सवाल बन कर रह गया
तू जब है ही नहीं मेरा तो क्यों मेरी पहचान बन कर रह गया
कहना तो बहुत कुछ था तुझसे पर दिल का सब दिल में ही रह गया
इंतज़ार था की कभी तो वक़्त निकाल कर बात करेगा मुझसे तू
पर तेरा यु खामोश रहना ही बहुत कुछ कह गया
मान लिया मैने भी नहीं है तू मेरा और न कभी हो पायेगा
और तुझे अपना बनाने की चाहा में मेरा दिल यूही टूटता जायेगा
हर एक चोट वक़्त के साथ भर जाएगी मालूम है
पर तेरे न होने का अफ़सोस जो है ये तो कभी न भर पायेगा
कबूल कर इस हक़ीक़त को ज़िन्दगी भी बहती जाती है
जब सब ठीक सा लगने लगता है फिर तेरी कशिश जाने को उभर आती है
तुझे भुलाने की कोशिश पूरी होने को होती ही है
की न जाने फिर कहा से और क्यों तेरी याद चली आती है
फिर अब नहीं सोचना तुझे ये सोच कर दिन गुजरने लगता है
इधर उधर की बातो में मनो मन भी बहलने लगता है
अब न करू कोई फरियाद तेरे लिए ये फैसला भी दिल करने लगता है
पर देख़ते ही कोई मज़ार ये सिर खुद बा खुद झुकने लगता है
तेरा नाम लेकर एक दुआ खुद लब पर आ जाती है फिर से
और देख मेरा ये हाल खुदा भी हसने लगता है .....
कितनी मोहबत है तुझसे इस राज से अनजान बन कर रह गया
समझा लिया है अब तो मैने भी खुद को
जो कभी पूरा होगा ही नहीं तू वो ख्वाब बन कर रह गया
जब मिलना ही नहीं था हमे फिर हम मिले ही क्यों ये एक सवाल बन कर रह गया
तू जब है ही नहीं मेरा तो क्यों मेरी पहचान बन कर रह गया
कहना तो बहुत कुछ था तुझसे पर दिल का सब दिल में ही रह गया
इंतज़ार था की कभी तो वक़्त निकाल कर बात करेगा मुझसे तू
पर तेरा यु खामोश रहना ही बहुत कुछ कह गया
मान लिया मैने भी नहीं है तू मेरा और न कभी हो पायेगा
और तुझे अपना बनाने की चाहा में मेरा दिल यूही टूटता जायेगा
हर एक चोट वक़्त के साथ भर जाएगी मालूम है
पर तेरे न होने का अफ़सोस जो है ये तो कभी न भर पायेगा
कबूल कर इस हक़ीक़त को ज़िन्दगी भी बहती जाती है
जब सब ठीक सा लगने लगता है फिर तेरी कशिश जाने को उभर आती है
तुझे भुलाने की कोशिश पूरी होने को होती ही है
की न जाने फिर कहा से और क्यों तेरी याद चली आती है
फिर अब नहीं सोचना तुझे ये सोच कर दिन गुजरने लगता है
इधर उधर की बातो में मनो मन भी बहलने लगता है
अब न करू कोई फरियाद तेरे लिए ये फैसला भी दिल करने लगता है
पर देख़ते ही कोई मज़ार ये सिर खुद बा खुद झुकने लगता है
तेरा नाम लेकर एक दुआ खुद लब पर आ जाती है फिर से
और देख मेरा ये हाल खुदा भी हसने लगता है .....
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