तेरा खामोश रहना अब मुझे खलने लगा था
करना यूँ नज़र अंदाज़ मुझे चुबने लगा था
यही नहीं फ़क़त मैने ही तुझे चाहा
जिसने भी जाना तुझे बस चाहने लगा था
इतना मीठा था तेरा वो एक झलक देखना
जिसको भी देखा कातिल नज़रों से तूने वो तुझ पर ही मरने लगा था
तेरी मर्ज़ी तू जिसको चाहे अपना बना ले क्या सोचना
क्युकी जो भी तुझसे मिलता वो तेरा होने लगा था
ये कैसी अजब सी मोहबत थी तुझसे और तुझे इल्म ही नहीं
तू मेरा था ही नहीं कभी पर जो भी मेरा था सब तेरा होने लगा था
बात तुझे खोने पाने की तो थी ही नहीं कभी
खुदा माना था तुझे मोहबत में और भला खुदा कब किसी एक का होने लगा था
तूने कहा भूल जाओ तुझे में ज़माने के लिए
चल मैने मान ली तेरी बात ,पर चाहत में हु में तेरी पागल ये तो ज़माना कहने लगा था ....
करना यूँ नज़र अंदाज़ मुझे चुबने लगा था
यही नहीं फ़क़त मैने ही तुझे चाहा
जिसने भी जाना तुझे बस चाहने लगा था
इतना मीठा था तेरा वो एक झलक देखना
जिसको भी देखा कातिल नज़रों से तूने वो तुझ पर ही मरने लगा था
तेरी मर्ज़ी तू जिसको चाहे अपना बना ले क्या सोचना
क्युकी जो भी तुझसे मिलता वो तेरा होने लगा था
ये कैसी अजब सी मोहबत थी तुझसे और तुझे इल्म ही नहीं
तू मेरा था ही नहीं कभी पर जो भी मेरा था सब तेरा होने लगा था
बात तुझे खोने पाने की तो थी ही नहीं कभी
खुदा माना था तुझे मोहबत में और भला खुदा कब किसी एक का होने लगा था
तूने कहा भूल जाओ तुझे में ज़माने के लिए
चल मैने मान ली तेरी बात ,पर चाहत में हु में तेरी पागल ये तो ज़माना कहने लगा था ....
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