Wednesday, 23 October 2019

ibaadat

तेरा  इंतज़ार  करके  देख  लिया  ,तुमसे  प्यार  करके  देख  लिया 
कहते  है  इश्क़  में  बहुत  गहराई  है , हमने  तो  हर  दरिया  पार  करके  देख  लिया
हुआ   न  कुछ  हासिल  इश्क़  ये  मोहबत  में  ,हमने  तो  खुद   को  मिटा  कर  देख  लिया
चल    कोई  ना  जो  होना  था  हुआ  अफ़सोस  नहीं  मुझे
जो  कहते  थे  इश्क़  खुदा  है  ,हमने  तो  वो  खुदा  भी  जी   कर   देख  लिया   ....



सब  कुछ  गवा  दिया  खुद  को  मिटा  दिया
तब  ये  मोहबत्त  की  कहानी  लिख  पाई  है
जो  सब  कहते  था   ना  इश्क़  इबादत  है  रब  की
हमने  तो  सज़दे  में  पूरी  ज़िन्दगी   लुटाई   है .....



अपने हर किये पर वो भी गुरुर से इतराया होगा
करके इश्क़ इ सितम वो भी कब चैन से सोया होगा
तब  मज़ा  आता  था  उसे  भी  अपनी  आज़माइशों  में
पर  आज  याद  कर  मेरा  हाल  वो  भी  तो  रोया  होगा  ......



गम  क्या  करू   मेने  तो  दिल  से  इबादत  की  थी
खुद  से  ज्यादा  बस  उसकी  चाहत  की  थी
बंदिशे  भी  कहा  थी  कुछ  खोने  पाने  की  इसमें
बिना  शर्त  हमने  तो  इनायत सी पाक  मोहबत्त  की  थी   ....

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