Monday, 27 January 2020

chhod diya

तेरे  रस्ते  पर  चलते  चलते  अब  खुद  को  एक  नया  मोड़  दिया   है
बहुत  चुबने  लगा  था  न  ये  रिश्ता  अब  इसे  भी  तोड़  दिया  है
बड़ी  तकलीफ  देती  थी  न  तुझे  ये  हिचकियाँ
जा  अब  तुझे  याद ही  करना   छोड़  दिया  है



चाहत  तो  आज  भी  बहुत  है  बस  जाताना  छोड़  दिया  है
है  तो  अब  भी  बहुत  कुछ  दिल  में  बस  बताना  छोड़  दिया  है
बड़ी  फिकर  होती  थी  तुझे  तेरे  नाम  की  न
जा  अब  दोस्तों  को  तेरा  किस्सा  सुनना   छोड़  दिया  है



झूठी  तसल्ली  देकर  खुद  को  बहलाना  छोड़  दिया
 बेफिजूल  की  बातो  के  लिए  खुद  को  रुलाना  छोड़  दिया  है
बहुत  शिकायत  रहती  थी  तुझे  तेरे  वक़्त  की 
जा  अब  तो  तुझे  बुलाना  ही  छोड़  दिया  है 



जिसको  जहाँ  जाना  है  जाओ  लोगो  को  अब  रोकना  छोड़  दिया  है
जो  होता  है  हो जय   शौक   से  अब  सोचना  छोड़  दिया  है
सिख  गए है  सफर -ए -ज़िन्दगी  तन्हा  करना 
आवाज़  न  दो  अब  कोई  हमने  पीछे  मूड  कर  देखना  छोड़  दिया  है 


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